Woman Success Story: मजदूरी छोड़ महिलाएं बनी आत्मनिर्भर, अब दूसरों को सिखा रहीं नारियल का तेल बनाना
हेमंत अहिरवार
बीना. मध्य प्रदेश के सागर जिले की बीना विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत गढ़ौली में मजदूरी कर परिवार के भरण-पोषण में अपने पति का साथ देने वाली महिलाएं नया काम शुरू कर खुद को आत्मनिर्भर बना रही हैं. तीन साल पहले 12 महिलाओं ने मिलकर राधा स्वामी नाम का स्वयं सहायता समूह बनाया था. शुरूआत में यह महिलाएं समूह पर विशेष ध्यान नहीं दे सकीं थी, लेकिन कोरोना काल के दौरान जब आय के सारे स्रोत बंद हुए तो उन्होंने कुछ नया करने का सोचा. इस काम में मध्य प्रदेश राज्य आजीविका मिशन ने उनकी मदद की. यह महिलाएं नारियल से तेल निकाल रही हैं और उसे बेच कर मुनाफा कमा रही हैं.
महिलाओं ने प्रशिक्षण लेने के बाद घर में ही नारियल का तेल बनाना शुरू किया. अब वो हर सप्ताह आठ से दस लीटर तेल बनाकर उसे बाजार में बेच रही हैं. इन महिलाओं का कहना है कि एक लीटर नारियल तेल बनाने में 230 रुपये के लगभग खर्च आता है. बाद में वो इसे 500 रुपये लीटर के हिसाब से बाजार में बेचती हैं.
नारियल तेल के शुद्धता का दावा, डॉक्टर भी हैं ग्राहक
इन महिलाओं का दावा है कि यह नारियल तेल बाजार में मिलने वाले तेल के मुकाबले ज्यादा शुद्ध और कैमिकल मुक्त है. यह छोटे बच्चों को सबसे ज्यादा लाभदायक है, क्योंकि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं. तेल की शुद्धता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि शुरुआती दौर में जो ग्राहक बने हैं उनमें आयुर्वेदिक डॉक्टर भी शामिल हैं. इसके अलावा, 100-100 ग्राम की पैकिंग में भी यह नारियल तेल बीना रेलवे स्टेशन पर एक अन्य समूह द्वारा संचालित स्टॉल पर उपलब्ध है.
राधा स्वामी स्वयं सहायता समूह की मुखिया मीना लोधी ने बताया कि उनके समूह में 12 महिलाएं जुड़ी हैं. इनमें से चार महिलाएं पिछले डेढ़ साल से नारियल तेल बनाने का काम कर रहीं हैं.
घर बैठे महिलाओं को हो रही आमदनी
मीना ने बताया कि पहले हमारी अपनी कोई आय नहीं थी, लेकिन अब घर बैठे चार से पांच हजार रुपये तक की कमाई होने लगी है. चूंकि बाजार में अभी हमारे तेल की मार्केटिंग कम होने से खपत कम है, लेकिन अब हमारा पूरा ध्यान व्यापार को बढ़ाने पर देना है. आजीविका मिशन बीना ब्लॉक प्रभारी अजय चौबे ने बताया कि मीना लोधी आस-पास के गांवों की महिलाओं को भी नारियल से तेल बनाने का प्रशिक्षण दे रही हैं. अन्य जिलों से भी महिलाएं समूह प्रशिक्षण लेने के लिए गढ़ोली आती हैं.
नारियल का हर हिस्सा उपयोगी, कुछ भी नहीं जाता बेकार
महिलाओं ने बताया कि नारियल के खोपरे से तेल तैयार होता है. इसके अलावा, इसका ऐसा कोई हिस्सा नहीं है जो उपयोगी न हो और जिसे फेंकना पड़े. तेल निकलने के बाद बचा हुआ बुरादा गरी के रूप में बाजारों में बिक जाता है. तो नारियल की जटा से रस्सी बनाकर उससे डोरमैट तैयार होते हैं. इसके बाद बचे नारियल के खोल का उपयोग जैविक खाद तैयार करने में किया जा रहा है. इस खाद को महिलाएं अपने बागानों के अलावा मांग पर दूसरे लोगों को भी उपलब्ध कराती हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Edible oil, Mp news, Sagar news, Women Empowerment, Womens Success Story
FIRST PUBLISHED : January 30, 2023, 13:37 IST
Joeby Ragpa
This template is so awesome. I didn’t expect so many features inside. E-commerce pages are very useful, you can launch your online store in few seconds. I will rate 5 stars.
ReplyAlexander Samokhin
This template is so awesome. I didn’t expect so many features inside. E-commerce pages are very useful, you can launch your online store in few seconds. I will rate 5 stars.
ReplyChris Root
This template is so awesome. I didn’t expect so many features inside. E-commerce pages are very useful, you can launch your online store in few seconds. I will rate 5 stars.
Reply