Tiger Death: नहीं रहा नौरादेही का किंग टाइगर किशन, सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

Tiger Death: नहीं रहा नौरादेही का किंग टाइगर किशन, सम्मान के साथ अंतिम संस्कार


अनुज गौतम/सागर: नौरादेही अभ्यारण में 5 सालों से किंग की तरह रहे बाघ किशन की मौत हो गई. अधिकारियों की मौजूदगी में पूरे सम्मान के साथ बाघ को अंतिम विदाई दी गई. अंतिम संस्कार से पहले अधिकारियों और वन कर्मियों द्वारा बाघ किशन की चिता पर पुष्पमाला अर्पित की गई.

बाघ किशन की मौत से हर कोई स्तब्ध है. बताया जाता है कि नौरादेही अभयारण्य को आबाद करने का श्रेय बाघ किशन को ही जाता है. साढ़े आठ साल की उम्र में उसके इलाके में घुसपैठ करने वाले बाघ से किशन की जंग हो गई थी. पोस्टमार्टम की शॉर्ट रिपोर्ट में सिर में गंभीर चोट आने की वजह से उसकी मौत होना बताई जा रही है.

शनिवार शाम फादर टाइगर ऑफ नौरादेही का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान वन विभाग के संभागीय अधिकारी सीसीएफ अनिल कुमार सिंह सहित अन्य अमला मौजूद रहा. इसके पहले किंग टाइगर की मौत के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व, जबलपुर वन्य प्राणी विशेषज्ञ संस्थान और सागर के वेटरनरी डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया.

‘राधा’ के लिए आया ‘किशन’
प्रथम दृष्टया बाघ के सिर, जबड़े और आंख में गंभीर चोट को उसकी मौत का कारण बताया गया है. जबलपुर वन्य प्राणी टीम के द्वारा उसके सैंपल भी लिए गए हैं. जांच के बाद अन्य कारणों का खुलासा होगा. बता दें कि साल 2018 में बाघ पुनर्स्थापना प्रोजेक्ट के तहत पहले बाघिन राधा को लाया गया था, फिर उसके जोड़ीदार के रूप में बांधवगढ़ से N2 यानी कि किशन बाघ आया था. पहले ही दिन वह बड़ा तोड़कर जंगल में निकल गया था. इसके बाद उसने नौरादेही रेंज और बामने नदी के आसपास अपना इलाका बना लिया था.

जांच के बाद स्पष्ट होगी मौत की वजह
5 सालों से बाघ किशन यहां किंग की तरह रह रहा था. वन विभाग के सीसीएफ अनिल कुमार सिंह ने बताया की नौरादेही के पहले बाघ एन-2 की मौत हुई है. बीते दिनों एन-3 से उसकी टेरिटरी फाइट में वह गंभीर घायल हुआ था. शॉर्ट पीएम में उसके सिर की गंभीर चोट के कारण उसकी मौत हुई है. हालांकि, सैंपल लिए गए हैं. जांच के बाद ही स्पष्ट कारण सामने आएगा.

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