Satna News: पानी की कालाबाजारी करने वालों पर कसेगा शिकंजा, सतना निगम ने तैयार किया प्लान
रिपोर्ट- प्रदीप कश्यप
सतना. अगर आपने पानी की चोरी की या बिना किसी जानकारी के नल का कनेक्शन लिया तो हो जाइए सावधान, क्योंकि मध्यप्रदेश के सतना नगर निगम में अब टेक्नोलॉजी के दौर के साथ पानी की सप्लाई शुरू हो चुकी है. जी हां शहरवासियों के घरों में कंप्यूटरीकृत तरीके से शहर की वाटर सप्लाई शुरू की जा रही हैं, इससे ना सिर्फ पानी की शुद्धता उसकी गुणवत्ता की जांच होगी, बल्कि पानी बरबाद भी नहीं होगा, कहीं पर पाइपलाइन अगर लीकेज हो गई तो उसके बारे में तुरंत पता चल जाएगा, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में वाटर स्काडा सिस्टम (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एग्जीक्यूशन) के द्वारा कंप्यूटरीकृत तरीके से लोगों के घरों में पानी की सप्लाई की जा रही है.
कैसे होती है वाटर सप्लाई
सबसे पहले पानी एनीकट से फिल्टर प्लांट में पहुंचता है, जहां 40 MLD एवं 18 MLD में पानी फिल्टर होने के बाद नगर निगम सीमा के अंतर्गत 20 पानी की टंकियों में पानी पहुंचता हैं. जिससे पाइपलाइन के माध्यम से लोगों के घरों में पानी पहुंचता है. इस बीच इलेक्ट्रॉनिक सेंसर भी लगाए गए हैं, जैसे ही पानी की टंकी भर जाएगी तो उसके नोटिफिकेशन कंप्यूटर सिस्टम में प्राप्त हो जाएंगे. यदि शहर के किसी पाइपलाइन में लीकेज है, या फिर किसी ने पानी की चोरी करने के लिए अवैध कनेक्शन करा लिया है तो इसका भी नोटिफिकेशन कंप्यूटर सिस्टम में प्राप्त हो जाएगा. जिससे कि समय से उस पर सुधार कार्य किया जा सकेगा. इस सुविधा से ना सिर्फ शहरवासियों को आसानी होगी बल्कि निगमकर्मियों का भी समय की बचत के साथ यह कार्य पूरा हो जाएगा.
शहर में कितनी पानी की टंकी एवं नल कनेक्शन
जानकारी के मुताबिक सतना नगर निगम सीमा के अंतर्गत 75 हजार प्रॉपर्टी है, जिनमें से 32 हजार घरों में नल के कनेक्शन किए गए हैं, इसके साथ ही 20 वाटर टैंक है, नगर निगम स्मार्ट सिटी के अंतर्गत करीब 18.46 करोड़ रुपए की लागत से तैयार वाटर स्काडा सिस्टम सेवाटर सप्लाई की जा रही है
महापौर योगेश ताम्रकार ने बताया कि मध्य प्रदेश का पहला नगर निगम है, जहां फुली ऑटोमेटिक तरीके से वाटर सप्लाई की जा रही है. जब टंकी खाली हो जाती है तो वॉल्व अपने आप खुल जाता हैं, और टंकी फुल होती है तो सप्लाई कटऑफ हो जाती है, वार्डों में पानी की सप्लाई अपने समय अवधि पर होती है. इससे हमारा वाटर वेस्ट नहीं होगा और समय की भी बचत होगी.
स्मार्ट सिटी मैनेजर दीपेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि पूरी प्रणाली कंप्यूटरीकृत हो गई है, अब नदी से लेकर प्रेशर मीटर के थ्रू, इलेक्ट्रोफ्लागो मीटर सहित कई सेंसर बेस डिवाइस लगाई गई है. जिससे पानी की गुणवत्ता मिलती है, और पाइप लाइन लीकेज का तुरंत पता चलने पर इसे समय से लीकेज सुधार कर दिया जाता है. वाटर सप्लाई 24 घंटे चलती है, जिसकी प्रॉपर मॉनिटरिंग एमएलडी प्लांट और स्मार्ट सिटी के कमांड सेंटर से की जाती है.
आने वाले समय में मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए भी पता चलेगी कि किस जगह पर पाइप लाइन लीकेज है, कौन सी टंकी भर गई है, कौन सी टंकी खाली है, यह सारे अलर्ट्स मोबाइल एप में मिलेंगे, इससे पीने का पानी बर्बाद नहीं होगा. यदि कोई पानी की चोरी या अवैध कनेक्शन लेता है तो हमइस व्यवस्था से पकड़ सकते हैं.
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Tags: Drinking Water, Mp news, Satna news, Water conservation
FIRST PUBLISHED : February 02, 2023, 11:17 IST
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