MP White Tiger: दुनिया को कराया सफेद बाघ का दीदार, अब चीते के आगे ‘मोहन’ को भूली सरकार

MP White Tiger: दुनिया को कराया सफेद बाघ का दीदार, अब चीते के आगे ‘मोहन’ को भूली सरकार


रिपोर्ट: आशुतोष तिवारी

रीवा: पूरी दुनिया में सफेद बाघ दुर्लभ हैं. सफेद बाघ को सबसे पहले मध्यप्रदेश के रीवा संभाग में देखा गया था. लेकिन, प्रदेश में देश का सबसे महत्वाकांक्षी चीता प्रोजेक्ट शुरू होने की खुशी में राज्य सरकार ने अपने व्हाइट टाइगर की उपलब्धि को ही भुला दिया है.

इंदौर में संपन्न हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट विंध्य क्षेत्र के लिए खास रही और निवेश के सबसे ज्यादा प्रस्ताव भी यहीं के लिए मिले. लेकिन, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में दुनियाभर से आए उद्योगपति मेहमानों के लिए आयोजित भव्य प्रदर्शनी एरिया में पर्यटन विभाग की प्रदर्शनी एमपी में चल रहे चीता प्रोजेक्ट पर ही फोकस रही.

यहां है दुनिया की पहली व्हाइट टाइगर सफारी
विश्व के कई देशों में आज जो व्हाइट टाइगर हैं. वे सभी मध्यप्रदेश की ही देन हैं. वाइल्ड लाइफ टूरिज्म में मप्र को चीता, तेंदुआ, टाइगर और क्रोकोडाइल स्टेट के रूप में खूब प्रचारित किया गया, लेकिन व्हाइट टाइगर का जिक्र एक बार भी नहीं आया. आपको बता दें कि रीवा स्थित मुकुंदपुर के जंगलों में दुनिया की पहली व्हाइट टाइगर सफारी है. इसके बावजूद इन्वेस्टर्स समिट में 84 देशों से आए मेहमानों के सामने सबसे खूबसूरत और मप्र की शान व्हाइट टाइगर की अनदेखी की गई.

दुनिया का पहला सफेद बाघ मोहन
27 मई 1951 को सीधी जिले के कुसमी क्षेत्र के पनखोरा गांव के नजदीक जंगल में सफेद शेर का बच्चा पकड़ा गया था. इसे मोहन नाम दिया गया. मोहन को गोविंदगढ़ किले में रखा गया. 1955 में पहली बार सामान्य बाघिन के साथ सफेद बाघ मोहन की ब्रीडिंग कराई गई, जिसमें एक भी सफेद शावक नहीं पैदा हुए. 30 अक्टूबर 1958 को मोहन के साथ रहने वाली राधा नाम की बाघिन ने चार शावक जन्मे, जिनके नाम मोहिनी, सुकेशी, रानी और राजा रखा गया. अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति की इच्छा के बाद मोहिनी को 5 दिसंबर 1960 को अमेरिका ले जाया गया, जहां पर उसका व्हाइट हाउस में भव्य स्वागत भी हुआ. आज ब्रिटेन और अमेरिका सहित देश और प्रदेश में जो सफेद बाघ हैं, उन्हें सीधे रीवा से ही भेजा गया था.

रीवा महाराज दुनिया के सामने लाए थे सफेद बाघ
वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ला बताते हैं कि दुनिया में मप्र को ही व्हाइट टाइगर की ब्रीडिंग करने का श्रेय है. रीवा महाराज मार्तंड सिंह ने मई 1951 में सबसे चर्चित व्हाइट टाइगर ‘मोहन’ को दुनिया के सामने पेश किया था.आज पूरी दुनिया में जितने भी व्हाइट टाइगर हैं, वे सभी मोहन की ही संताने हैं. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सरकार ने व्हाइट टाइगर की ब्रांडिंग का बड़ा अवसर खो दिया.

Tags: Mp news, Rare Tiger, Rewa News



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