MP Vidhan Sabha Chunav: चुनावी काल में ‘धर्म कथाएं’, दिसंबर तक ‘बुक’ हैं दरबार लगाने वाले बाबा, बाद में आना
भोपाल. अगर आप पं. प्रदीप मिश्र, पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री, पंडोखर सरकार, रावतपुरा सरकार, जया किशोरी जैसे धर्मप्रचारक, कथावाचक और दरबार लगाने वाले बाबाओं, संतों से कथा-भागवत कराना चाहते हैं, तो धैर्य रखिए, आपको 6 महीने और इंतजार करना पड़ेगा. ये बाबा मप्र-छत्तीसगढ़ में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव तक भारी व्यस्त हैं. इन्हें नेताओं ने अपने इलाकों में कथा-भागवत सुनाने के लिए बुक कर रखा है. वजह यह है कि हर नेता बाबाओं की जनता के बीच पैठ और धमक का फायदा उठाने व इनके जरिए आयोजन-भंडारों में उमड़ने वाली भीड़ को प्रभावित कर चुनाव में वोटों की फसल को काटना चाहता है.
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इन बाबाओं की पूछ-परख बढ़ गई है. कांग्रेस हो या भाजपा, किसी भी दल का कोई नेता इन बाबाओं से कथा कराकर चुनावी पुण्य लाभ कमाना चाहता है. इन दिनों दोनों ही राज्यों में इन बाबा की कथाओं का अनवरत दौर चल रहा है. बता दें कि इन बाबाओं के दरबारों में समस्याओं से मुक्ति पाने की आशा लिए लाखों लोगों की भीड़ जमा होती है. मुख्यतः ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड, मालवा-निमाड़, नर्मदांचल में इन बाबाओं की खासी धमक है. कुबेरेश्वर धाम में पंडित प्रदीप मिश्रा, छतरपुर के बागेश्वर धाम में पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री, दतिया में पंडोखर सरकार तो भिंड के लहार में रावतपुरा सरकार का दरबार सजता है.
मप्र के छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, सागर, सतना, रायसेन, ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, भिंड, मुरैना, इंदौर, जबलपुर, भोपाल सहित पूरे प्रदेश और छत्तीसगढ़, यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान और बिहार के कई जिलों, शहरों-गांवों से मुरादें लिए भक्त इनके दरबारों में पहुंचते हैं. अकेले मप्र की बात करें तो 150 सीटों तक इन बाबाओं की पहुंच प्रभाव रखती है, इसलिए कोई भी नेता इनकी चौखट को चूमने से परहेज नहीं करता और चाहता है कि कैसे भी इन बाबाओं की कथा उनके इलाकों में हो जाए.
मप्र-छग में पं. प्रदीप मिश्रा के कई आयोजन
भोपाल में करोंद क्षेत्र में कुबेरेश्वर धाम के पं. प्रदीप मिश्रा की शिवकथा जून के शुरुआती दिनों में आयोजित हुई. इस संगीतमय कथा में लाखों लोग पहुंचे. कथा का आयोजन भोपाल नरेला विधानसभा क्षेत्र के विधायक-मंत्री विश्वास सारंग करवा रहे हैं. धर्म के नाम पर सारी व्यवस्था करने में भोपाल नगर निगम के साथ तमाम सरकारी महकमों का अमला लगा हुआ है. यह वही पं. प्रदीप मिश्र हैं, जो अपने विवादास्पद बयानों के अलावा रूद्राक्ष बांटने के लिए प्रसिद्ध हैं और सीहोर में पिछले दिनों इनके रूद्राक्ष वितरण कार्यक्रम में जाम-अव्यवस्थाओं के चलते कई लोग अपनी जान गंवा बैठे थे. कैलाश विजयवर्गीय, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से लेकर कैबिनेट के कई मंत्री इनके यहां मत्था टेकते हैं. प्रदीप मिश्रा के आयोजन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, लिहाजा उनके प्रभाव का इस्तेमाल कर सत्तारूढ़ दल के नेताओं में जनआस्था को वोटों में बदलने के मकसद से पं. प्रदीप मिश्रा से कथा कराने की होड़ लगी है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ भी इनसे मिल चुके हैं. पं. प्रदीप मिश्रा नवंबर तक मप्र के भोपाल, सीहोर, खंडवा, सुवासरा, छत्तीसगढ़ के तिल्दा, नेवरा, बालोद और राजस्थान के अलवर, पुष्कर समेत कई शहरों में अपनी 3 से 7 दिन तक के आयोजनों में शिव महापुराण सुनाने वाले हैं. इन तीनों ही राज्यों में इस साल विधानसभा चुनाव हैं. दिसंबर में पंडित प्रदीप मिश्रा की यूपी, महाराष्ट्र में कथाएं होनी हैं. पं. प्रदीप मिश्रा मालवा-निमाड़, नर्मदांचल में काफी लोकप्रिय हैं.
पं. मिश्रा जाएंगे तो तो धीरेन्द्र शास्त्री आएंगे
हिन्दू राष्ट्र के झंडाबरदार बने और अपने दरबार में पर्ची निकालकर समस्याएं बताने वाले बागेश्वर धाम पीठाधीश के पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री 20 से 22 जून तक भोपाल में 26 से 28 जून तक राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में कथा करने वाले हैं. ये भी दिसंबर तक मप्र में व्यस्त हैं. मैहर में इनके आयोजन को इसलिए अनुमति नहीं मिल पाई थी, क्योंकि भाजपा के विरोधी ने धीरेन्द्र कृष्ण का आयोजन कराया था. ये विदिशा जिले में, जबलपुर के पनागर, सागर के बहेरिया इलाके के अलावा सुरखी, परसवाड़ा, सुवासरा, टीकमगढ़, अशोक नगर, भिंड, दमोह में हनुमत कथा कर चुके हैं और कथा कराने वाले ज्यादा भाजपा के विधायक या मंत्री थे.
पंडोखर महाराज से नेता चाहते हैं चुनावी प्रसाद
इसी प्रकार दतिया जिले के पंडोखर सरकार का पूरे प्रदेश में जलवा है. पंडोखर स्थित हनुमान मंदिर दरबार में भी लाखों श्रद्धालु जुटते हैं. यहां के संत गुरुशरण महाराज भी लोगों की समस्याओं को उनके बिना बोले समझ जाते हैं और निदान बता देते हैं. उनके दरबार के प्रति लोगों की आस्था का सियासत में लाभ लेने और चुनावी जीत का प्रसाद चखने की गरज से बड़ी संख्या में नेता पहुंचते हैं. पिछले दिनों भोपाल में भी पंडोखर सरकार का दरबार लगा था, जहां कई नेता-मंत्री पहुंचे थे. सियासत के गलियारों में इन दिनों भी पंडोखर सरकार की भी बड़ी डिमांड है.
रावतपुरा सरकार की सियासी धमक
भिंड लहार में रावतपुरा सरकार मंदिर है, जहां रोज हजारों भक्त पहुंचते हैं. गुरु पूर्णिमा जैसे खास मौकों पर तो श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंच जाती है. रावतपुरा सरकार की सियासी धमक और इशारा यूपी, एमपी, छत्तीसगढ़ की सियासत और चुनावी नतीजों को प्रभावित करने का खासा माद्दा रखता है. इसलिए रावतपुरा सरकार के कार्यक्रमों के लिए नेताओं का रेला लगा हुआ है. उनके दिसंबर तक कई कार्यक्रम तय हैं.
.
Tags: Assembly Elections 2023, Mp news
FIRST PUBLISHED : June 19, 2023, 19:54 IST
Joeby Ragpa
This template is so awesome. I didn’t expect so many features inside. E-commerce pages are very useful, you can launch your online store in few seconds. I will rate 5 stars.
ReplyAlexander Samokhin
This template is so awesome. I didn’t expect so many features inside. E-commerce pages are very useful, you can launch your online store in few seconds. I will rate 5 stars.
ReplyChris Root
This template is so awesome. I didn’t expect so many features inside. E-commerce pages are very useful, you can launch your online store in few seconds. I will rate 5 stars.
Reply