Morena news: सिटी ऑफ ग्वावा के जामफल की दिल्ली तक डिमांड, मिठास इनकी पहचान

Morena news: सिटी ऑफ ग्वावा के जामफल की दिल्ली तक डिमांड, मिठास इनकी पहचान


रिपोर्ट: आकाश गौर
मुरैना:
चंबल अंचल के दो जिले अमरूद की खेती के लिए प्रसिद्ध हैं. इनमें मुरैना और श्योपुर में अमरूदों के सैकड़ों बाग हैं. मुरैना के शहर जौरा को तो सिटी ऑफ ग्वावा भी कहा जाता है. यहां आपको ठेलों और सड़कों पर अमरूद की भरमार दिखेगी. किसानों का कहना है कि इस वर्ष भी जौरा में अमरूदो की अच्छी पैदावार हुई है.

जौरा के तमाम अमरूदों के बीच जामफल (अमरूद) की एक अलग पहचान है. जामफल अपनी मिठास, चमक और सुंदरता के कारण सिर्फ चंबल अंचल में ही नहीं, बल्कि ग्वालियर, धौलपुर, आगरा और दिल्ली तक प्रसिद्ध है. लोग इसकी मिठास और अलग स्वाद के कारण इसे खाना पसंद करते हैं. जौरा के सैकड़ों किसानों की आमदनी का जरिया अमरूद की खेती ही है.

800 बीघे में हैं अमरूद के बाग
मुरैना जिले में जौरा, कैलारस, छैरा, बिलगांव, अलापुर, माता बाई का पुरा, धमकन, पृथ्वीपुरा क्षेत्र के 800 बीघे में अमरूद के बाग हैं. इन बागों में पैदा होने वाले अमरूदों से जिले की पहचान तो बनी ही, यहां के किसानों की आमदनी का भी ये बड़ा श्रोत है. माताबाई पुरा के किसान प्रेम सिंह कुशवाह और रुजवान खान ने बताया कि पूरे सीजन में अमरूद का एक पेड़ लगभग 80 से 100 किलो तक पैदावार दे देता है.अमरूद थोक विक्रेता महेश खटीक ने बताया कि इस बार अमरूद के थोक में रेट 10-15 रुपये प्रति किलो है, जिसे खेरीज विक्रेता 20–25 रुपये प्रति किलो में बेच रहे हैं.

डलिया में सजाकर बिकता है अमरूद
थोक व्यापारी महेश खटीक ने बताया कि यहां का अमरूद आसपास की मंडियों जैसे ग्वालियर, धौलपुर, सबलगढ़, मुरैना के अलावा आगरा और दिल्ली तक पहुंचता है और इसके उचित दाम भी मिलते हैं. किसान अमरूद की डलिया पत्तों से सजाकर बाजार में लेकर पहुंचते हैं. सजी डलिया में अमरूद इतने आकर्षक दिखते हैं कि लोग खरीदे बिना रह नहीं पाते.

Tags: Farmer, Morena news, Mp news



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