Indore: चीनी महिला को खूब भाया भारत, ‘सीता देवी’ बन अब सिंदूर और बिंदी के साथ पहनती हैं साड़ी

Indore: चीनी महिला को खूब भाया भारत, ‘सीता देवी’ बन अब सिंदूर और बिंदी के साथ पहनती हैं साड़ी


अंकित परमार

इंदौर. मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में चल रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन में दुनियाभर के प्रवासी भारतीय पहुंचे हैं. यह सभी लोग इंदौर की मेहमाननवाजी से बेहद खुश नजर आ रहे हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मूल रूप से न तो भारतीय हैं और न ही वो प्रवासी भारतीय हैं. भारतीयता, हमारी संस्कृति और सनातन धर्म से वो इतने प्रभावित हैं कि इंदौर में हो रहे इस कार्यक्रम में वो अपने देश से दौड़े चले आए. उनमें से ची चाउ पाइ नाम की एक चीनी महिला हैं. इन्हें भारतीय संस्कृति इतनी भा गई कि उन्होंने अपना नाम बदलकर सीता देवी रख लिया. सीता देवी अब माथे पर सिंदूर, तिलक, बिंदी के साथ साड़ी और चूड़ियां भी पहनती हैं.

ची चाउ पाइ से सीता देवी बनी यह चीनी महिला इंदौर की मेहमाननवाजी की मुरीद हो गई हैं. उन्होंने ची चाउ पाइ से सीता देवी बनने की अपनी कहानी बताते हुए कहा कि वो चीनी महिला हैं. पहले वो नास्तिक थी, लेकिन बाद में उन्होंने कैथोलिक धर्म अपनाया. कैथोलिक धर्म अपनाने के बाद उन्हें नया नाम त्रिचा मिला, लेकिन छह साल पहले सिंगापुर में रहते हुए उन्हें सनातन धर्म के बारे में पता चला तो उन्होंने सनातन धर्म के रास्ते चलते हुए अध्यात्म में आने का मन बनाया और इसको अपना लिया. वहीं, जब ची चाउ पाइ ने सनातन धर्म के ग्रंथ भागवत, पुराण, गीता, रामायण और अन्य ग्रंथों को पढ़ा तो उन्हें भगवान राम और माता सीता ने सबसे अधिक इंस्पायर किया. इसलिए उन्होंने अपना नाम सीता देवी रख लिया.

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‘भारतीय संस्कृति दुनिया में सबसे अच्छी और सुंदर’

सीता देवी बताती हैं कि हिंदुस्तान की सभ्यता, यहां की संस्कृति दुनिया में सबसे अच्छी और सुंदर है. यहां के लोग, यहां का रहन-सहन और प्रेम दुनिया को बहुत कुछ सिखाता है. लेकिन जब वो भारतीय लोगों को ही अपने धर्म और संस्कृति को इग्नोर करते हुए देखती हैं तो उन्हें बुरा लगता है.

सीता देवी से उनके इंदौर के अनुभव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वो इससे पहले छह बार भारत आ चुकी हैं, और यह उनका सातवां टूर है. उन्होंने बताया कि इंदौर बहुत साफ-सुथरा है. यहां के लोग बहुत मिलनसार हैं और यहां का भोजन बेहद स्वादिष्ट है. सीता देवी ने जोशी जी के दही बड़े की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि वो उनका सबसे फेवरेट रहा.

चाहती हैं भारत में ही हमेशा के लिए बस जाएं

वहीं, उन्होंने कहा कि उन्हें अधिक समय के लिए वीजा नहीं मिलता अन्यथा वो और समय भारत में ही बिताना चाहती हैं. भारत उन्हें बहुत पसंद है. उनका बस चले तो यहीं आकर बस जाएं.

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