IND vs NZ: 24 जनवरी को इंदौर में होने वाले वनडे पर विवाद का साया, हाईकोर्ट पहुंचा मामला

IND vs NZ: 24 जनवरी को इंदौर में होने वाले वनडे पर विवाद का साया, हाईकोर्ट पहुंचा मामला


हाइलाइट्स

इंदौर के होलकर स्टेडियम में 24 जनवरी को मैच होना है
टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग को लेकर मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन पर लगातार उंगलिया उठ रही हैं
टिकटों की कालाबाजारी को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी

इंदौर. इंदौर के होलकर स्टेडियम में 24 जनवरी को होने वाला भारत-न्यूजीलैंड वनडे मुकाबला विवादों के घेरे में आ गया है. विवाद मैच के टिकटों की कालाबाजारी को लेकर हुआ है. इस मामले में हाईकोर्ट में लगी याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें याचिकाकर्ता राकेश सिंह यादव ने कहा कि 1 मिनट में 3 हजार से ज्यादा टिकट बिक गए और पांच मिनट में सारे टिकट बुक हो गए, ये संभव नहीं है. एमपीसीए ने अपना पक्ष रखा जिसके बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

मालूम हो कि इंदौर में हो रहे क्रिकेट मैचों के टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग को लेकर मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन पर लगातार उंगलिया उठ रही हैं, लेकिन इस बार भारत और न्यूजीलैंड वनडे मैच से पहले टिकटों की कालाबाजारी का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. दरअसल कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव ने टिकटों की कालाबाजारी को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिस पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की ओर से जबलपुर हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट ब्रायन डिसिल्वा ने पक्ष रखा, उन्होंने तर्क दिया कि एमपीसीए ने 12 जनवरी को सुबह 6 बजे ऑनलाइन टिकट की बिक्री शुरू की. पेटीएम और इनसाइडर साइट से हुई टिकट बिक्री में मात्र 1 मिनट में 3  हजार 118 टिकट बिक गए और अगले दूसरे मिनट में 1600 टिकट बिके और पांच मिनट के अंदर 6 हजार 260 टिकटों की बिक्री हो गई और 15 मिनट मे सभी सस्ती कैटेगरी के टिकटों की बिक्री हो गई, जो इतने कम समय में संभव नहीं है.

याचिकाकर्ता की दलील है कि बैंकिंग ट्रांजेक्शन, ओटीपी जनरेट होने में डेढ़ से दो मिनट का समय लग ही जाता है, ऐसे में सत्रह हजार टिकट मात्र 15 मिनट में बिकना ये बताता है कि पेटीएम और पेटीएम इंसाइडर की साइट को समय पूर्व शुरू करके टिकिट आनलाइन बुक कर दिए गये. इसमें अनेक नामों व मेल आईडी का उपयोग हेकर के माध्यम से किया गया. दूसरा पेटीएम और पेटीएम इंसाइडर के अलावा भी तीसरी साइट को एक्सेस दिया गया, जिससे एक मुश्त टिकिट ख़रीदे गए और एमपीसीए को भुगतान किया गया.

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पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने एमपीसीए को निर्देश दिए थे कि पेटीएम और पेटीएम इंसाइडर साइट से बुक किए गए सभी 17 हजार टिकटों की अधिकृत टिकिट बुकिंग की एक्ससेल शीट बुकिंग कंपनी के सत्यापन के साथ पेश की जाए, लेकिन एमपीसीए के सीईओ रोहित पंडित ने करीब 495 नामों की आनलाइन बुकिंग की जानकारी प्लेन पेपर पर टाइप करके हाइकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत कर दी. ये जानकारी सचिव संजीव राव के माध्यम से शपथपत्र देकर प्रस्तुत की गई,पूरा रिकॉर्ड कोर्ट को उपलब्ध नहीं कराया गया.

इस मामले में एमपीसीए के वकील अजय बागड़िया का कहना है कि एमपीसीए ने टिकटों की बिक्री की जिम्मेदारी पेटीएम कंपनी को दी थी. उसी के माध्यम से टिकटों की बिक्री हुई है. हमने कोर्ट को एक-एक टिकट की जानकारी उपलब्ध कराई है,औऱ हर टिकट की बिक्री व्यक्ति विशेष के साथ दी है. जहां तक एक मिनट में 3 हजार से ज्यादा टिकटों की बिक्री का सवाल है, उसमें हमने तर्क दिया कि रेलवे के तत्काल टिकट की साइट जब खुलती है तो एक मिनट में हजारों ट्रेनों के टिकट एक साथ बुक हो जाते हैं. तीन हजार तो कम है, इससे कहीं ज्यादा टिकट एक मिनट में बिक सकते हैं, फीफा वर्ल्ड कप तो इसका उदाहण है, ऐसे में याचिकाकर्ता का तर्क तथ्यहीन है.

एमपीसीए के चैयरमेन अभिलाष खांडेकर ने कहा कि जहां तक टिकटों की ब्लैक मार्केंटिंग की बात है, एमपीसीए कभी टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग नहीं करता है. जब कोई व्यक्ति टिकट बुक करके वो खुद मैच देखने नहीं जाता बल्कि अपना टिकट महंगे दाम पर बेच देता है तो उससे एमपीसीए क्या कर सकता है. बहरहाल,हाईकोर्ट इंदौर ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस मामले की पूरी शिकायत सीएम शिवराज सिंह चौहान और बीसीसीआई को भी भेजी गई है..

Tags: IND vs NZ, Indore news, Mp news



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