Damoh News: सूख गई गौरैया नदी, सिंचाई न हो पाने से किसान चिंतित, कई गांवों में जलसंकट

Damoh News: सूख गई गौरैया नदी, सिंचाई न हो पाने से किसान चिंतित, कई गांवों में जलसंकट


रिपोर्ट: अर्पित बड़कुल

दमोह: ग्रीष्मकाल आते ही दमोह जिले में पेयजल जल संकट गहराने लगा है. जलसंकट के चलते खेत में खड़ी फसलों को लेकर किसान भी चिंतित हैं. जलस्तर गिरने से नदी, नाले भी सूखते जा रहे हैं. जिसकी बानगी दमोह जिला मुख्यालय से 56 किलोमीटर दूर तेंदूखेड़ा ब्लॉक के जरुआ बारह गांव से निकली गोरैया नदी में देखने को मिल रही है.

गौरैया नदी लगभग 50 से 55 किलोमीटर तक बहने के बाद व्यारमा नदी में मिल जाती थी. लेकिन वर्तमान स्थिति में नदी पूरी तरह से सूखी पड़ी है. जिससे किसानो की चिंता बढ़ गई है. इस नदी के तट पर दर्जनों गांव बसे हैं. जिनकी आबादी 1 हजार से भी अधिक है. ग्रामीण नदी के जल पर ही आश्रित हैं. तेजगढ़ से 5 किलोमीटर दूर स्थित परासई गांव के लोग 2 किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाने को मजबूर हैं, जबकि यह गांव गोरैया नदी के तट पर स्थित है.

ग्रामीण हैं परेशान
परेशान किसानों का कहना है कि दिसंबर माह से ही नदी का जल कम होता जाता है और कुछ ही हफ्तों में नदी सूख जाती है. 1990 के दशक तक गर्मियों के समय में पानी दिखता था, लेकिन स्टॉप डैम के बनने के बाद से गर्मियों में पानी बहना बंद हो जाता है. दिसंबर माह तक पानी पूरी तरह से खत्म हो जाता है, जिस कारण खेतों में खड़ी फसलों की सिंचाई पूरी नहीं हो पाती. वहीं किसान जिनेंद्र जैन ने बताया कि चेक डैम के बनने से नदियों में मलबा की मात्रा बढ़ती जा रही है, इसलिए पानी रुक नहीं पता, जिसके चलते फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलता. साथ ही गर्मियों के दिनों में वन्य जीवों को भी पानी नहीं मिलता.

‘उम्मीद है सुधरेंगे हालात है’
उधर, जल संसाधान विभाग के एसडीओ राहुल जैन का कहना है कि वर्तमान समय मे मध्यप्रदेश शासन द्वारा नदी जोड़ो अभियान के तहत दो नदियों बेतवा और केन नदी को मर्ज किया गया है. वहीं पारना नदी पर पारना डैम और गोरैया नदी पर सिरोहणी स्टॉप डैम बनाने का काम भी जारी है. उम्मीद है कि आने वाले समय में हालात सुधरेंगे.

Tags: Damoh News, Mp news, River



Source link

Leave a Reply