Burhanpur: पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र शाही किला, इस वजह से कहा जाता है भूल-भुलैया


बुरहानपुर. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में ताप्ती नदी के तट पर स्थित शाही किला राजसी महल है. यह मध्य प्रदेश के सबसे खूबसूरत विरासत स्थलों में से एक है. बुरहानपुर आने वाले पर्यटकों के लिए यह हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है. शाही किले को मूल रूप से फारूकी राजवंश के शासकों के द्वारा बनवाया गया था. किंवदंती के अनुसार यह किला दक्षिण भारत में राज्यों के बीच विद्रोह को शांत करने के लिए शहर में अपने दो साल के प्रवास के दौरान मुगल सम्राट शाहजहां के आवास के लिए प्रसिद्ध है. शाहजहां को शाही किले से इतना प्यार हो गया था कि सिंहासन पर बैठने के पहले तीन वर्षों के लिए यहीं पर उसने अपना दरबार स्थापित किया था. उसने किले की छत पर दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास भी बनवाया था.

इस किले को अक्सर इसकी विशाल भ्रामक वास्तुकला के कारण भूल-भुलैया कहा जाता है. महल में मुख्य आकर्षण हमाम या शाही स्नान है. यह विशेष रूप से शाहजहां की पत्नी बेगम मुमताज़ महल के लिए बनाया गया था. ताकि वो खस, केसर और गुलाब की पंखुड़ियों के सुगंधित पानी में स्नान का आनंद ले सकें. गुंबददार छतों के साथ मुगल ईरानी शैली में डिजाइन किए गए हमाम को छत्ते के काम पर चित्रों के साथ खूबसूरती से सजाया गया है. स्नानागार में मिर्जा अब्दुल रहीम खान का शिलालेख लगा हुआ है.

बुरहानपुर में अलग-अलग बहुत सी इमारतें बनी हुई हैं जो मुगलों के समय की हैं. इसे देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं. इतिहासकार मोहम्मद नौशाद ने बताया कि शाही किले को फारुकी बादशाहों ने बनवाया था. इसका निर्माण सन् 1385 में शुरू किया गया था जो 1422 तक बनकर तैयार हो गया था. यह महल सात माले (मंजिल) का किला है जो ताप्ती नदी के तट पर बना हुआ है.

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FIRST PUBLISHED : January 11, 2023, 15:40 IST



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