Bhopal News: भोपाल के वृद्धाश्रम हुए हाउसफुल, जानें वजह
रिपोर्ट: आदित्य तिवारी
भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के लिए बड़े ही अफसोस की बात है कि वृद्धाश्रम में लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही हैं. भोपाल शहर में तीन निःशुल्क और तीन (शुल्क वाले) वृद्धाश्रम हैं. इनमें नि:शुल्क वाले आश्रम फुल हो गए हैं. जबकि शुल्क वालों में भी दो लगभग भर चुके हैं.
राजधानी भोपाल में आसरा नामक पहला वृद्धाश्रम 1994 में खुला था. तब से आज तक कभी भी ऐसी स्थिति नहीं बनी कि वृद्धाश्रम पूरी तरह से भर गए हो और बेघर बुजुर्गों को दूसरे शहर में शिफ्ट करना पड़े. वृद्धाश्रमों के हाउस फुल होने की दो बड़ी वजह सामने आई हैं. पहली शहर बुजुर्गों का ज्यादा संख्या में घर छोड़कर वृद्धाश्रमों में शिफ्ट होना और दूसरी पुलिस की आशा योजना. इस योजना में सड़क से उठाकर बुजुर्गों का पुनर्वास हो रहा है. डीसीपी विनीत कपूर के मुताबिक, जिनका परिवार नहीं मिल रहा, उन्हें भी वृद्धाश्रम भेजा रहा है.
आपके शहर से (भोपाल)
बता दें कि आसरा आश्रम में 125 सीटें हैं, जिसमें से 110 भी चुकी हैं. वहीं, आनंदधाम में 33 की जगह 36 बुजुर्ग रह रहे हैं. जबकि अपना घर में 24 की जगह 25 लोग हैं. यह तीनों आश्रम नि:शुल्क हैं. वहीं, शुल्क वाले लायंस क्लब में 30 सीट हैं, जिसमें से 22 भर गई हैं. जबकि 15 सीट की क्षमता वाले एल्डर फर्स्ट में 15 बुजुर्ग रह रहे हैं. इसके अलावा एक नया आश्रम सारथी खुला है. इसमें अभी एक बुजुर्ग भर्ती हुआ है. यह तीनों बुजुर्गों से फीस लेते हैं.
पुरुषों की सिर्फ एक जगह 15 सीट खाली
आनंद धाम वृद्धाश्रम के सचिव आरआर सुरंगे ने बताया कि उनके यहां 33 सीट हैं, जो फुल हैं.कोरोना के वक्त 27 बुजुर्ग ही थे. तब संक्रमण के खतरे के चलते नए एडमिशन बंद थे. हाल ही में छह बुजुगों को एडमिशन दिया है. फिर भी कुछ बुजुर्ग अभी वेटिंग में हैं. वहीं अपना घर की संचालिका माधुरी मिश्रा बताती हैं कि उनके 25 सीट हैं, जो पूरी भरी हैं. ऐसे ही आसरा वृद्धाश्रम की मैनेजर राधा चौबे ने बताया कि उनके यहां महिलाओं की सीटें फुल हो चुकी हैं. पुरुषों की सिर्फ 15 ही खाली हैं, वो भी जल्द भर जाएंगी.
पुलिस हर दिन 3 से 4 बुजुर्गों को रेस्क्यू कर वृद्धाश्रम में भेज रही
लक्ष्मी नारायण आनंदम क्लब के सचिव मोहन सोनी बताते हैं कि पुलिस के आशा अभियान के तहत हर दिन 3 से 4 बुजुगों को रेस्क्यू किया जा रहा है. भोपाल में वृद्धों को रखने की जगह नहीं होने के कारण इन्हें दूसरे जिले के वृद्धाश्रम में शिफ्ट करना पड़ रहा है. शिवपुरी में शिफ्ट किए जाने वाले दो बुजुगों में से एक को पुलिस ने बरखेड़ा विजय मार्केट के पास से रेस्क्यू किया है. इनकी उम्र 60 साल है. ये अपना नाम रेखा गिरि और पति का नाम नेपाल गिरि बता रही हैं. इन्होंने बताया कि इनके पति की मौत हो चुकी है. उसके बाद बच्चों ने घर से बाहर निकाल दिया. अब वे बच्चों के पास नहीं जाना चाहती.
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Tags: Bhopal Police, Mp news
FIRST PUBLISHED : January 20, 2023, 17:32 IST
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