मुस्लिम दोस्‍त जिसने कभी नहीं छोड़ा बागेश्‍वर धाम के पीठाधीश्‍वर का साथ, कृष्‍ण-सुदामा से होती है इनकी तुलना

मुस्लिम दोस्‍त जिसने कभी नहीं छोड़ा बागेश्‍वर धाम के पीठाधीश्‍वर का साथ, कृष्‍ण-सुदामा से होती है इनकी तुलना


हाइलाइट्स

बागेश्‍वर धाम पीठाधीश्‍वर के मुस्लिम दोस्‍त हनुमानजी के हैं भक्‍त
शेख मुबारक ने कभी नहीं छोड़ा पंडित धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री का साथ
भगवान कृष्‍ण और सुदामा की दोस्‍ती से होती है इन दोनों की तुलना

नरेंद्र सिह परमार

छतरपुर. देश-दुनिया में मशहूर हो चुके छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का एक ऐसा दोस्त है, जिसका गुणगान खुद व‍ह खुले मंच से करते हैं. उनका यह दोस्त मुस्लिम है, लेकिन उन्‍होंने जाति-धर्म को पीछे छोड़कर अपना मन बागेश्वर धाम में लगा लिया है. भगवान की भक्ति में लीन यह मुस्लिम शख्‍स अब भजन-कीर्तन में मगन रहने के साथ-साथ अपने गांव में भागवत कथा भी करा चुका है.

‘राम सिया भज बरम बारा…चक्र सुदर्शन है रखवारा’ रामायण की इन चौपाइयों का बखान करने वाले इस शख्‍स का नाम है शेख मुबारक. उनके संग दोस्ती का यशगान हमेशा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और मशहूर कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपनी कथाओं में खुले मंच से कर चुके हैं. वैसे तो शेख मुबारक बमीठा के पास स्थित एक छोटे से गांव चुरारन के रहने वाले हैं, लेकिन 12 साल पहले इनकी दोस्‍ती गड़ा गांव के रहने वाले और आज के मशहूर बागेश्वर धाम के महाराज से हुई थी. दोस्ती उस बक्त की है जब महाराज आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे थे. उस समय मुस्लिम दोस्त शेख मुबारक ने उनकी भरपूर मदद की और अपने दोस्त धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को आगे बढ़ाया. आज वह इतने चर्चित और मशहूर हो गए कि जिसकी कल्‍पना न तो उनके दोस्त शेख मुबारक ने की थी और न ही पंडित धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री ने. दोनों की दोस्‍ती इतनी बड़ी हो गई कि उन्‍हें एक-दूसरे की जाति और धर्म से कोई मतलब नहीं रहा.

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शेख मुबारक के दिन की शुरुआत हनुमानजी की पूजा-अर्चना के साथ होती है. (न्‍यूज 18 हिन्‍दी)

हनुमानजी के भक्‍त हैं शेख मुबारक
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम के भक्त बचपन से ही थे, इसलिए उनका मुस्लिम दोस्त भी हनुमानजी का भक्त बन गया. शेख मुबारक भगवान की भक्ति में इस कदर लीन हुए कि वह भजन-कीर्तन करने लगे. उन्‍होंने कई बार अपने गांव में भागवत कथा भी कराई. शेख मुबारक जब भी मंदिर जाते हैं तो वह सबसे पहले घंटा बजाकर मंदिर में प्रवेश करते हैं. उसके बाद वह बालाजी महाराज और हनुमान जी के सामने हाथ जोड़कर सिर झुकाकर भगवान से कामना करते हैं. शेख मुबारक एक गरीब परिवार से हैं, लेकिन बागेश्वर धाम के महाराज से उनकी दोस्ती चर्चा का विषय बनी हुई है. शेख मुबारक भले ही गरीब हैं, लेकिन देश-दुनिया में मशहूर हो चुके बागेश्वर धाम के महाराज और कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का उस वक्त साथ दिया, जब महाराज को कोई भी नहीं जानता था.

कृष्‍ण और सुदामा से तुलना
मुस्लिम दोस्त के समर्पण, त्याग और परिश्रम के कारण ही महाराज आज इतनी ऊंचाई पर पहुंचे और लोकप्रिय हुए. महाराज की दिनों दिन बढ़ती लोकप्रियता और उनके द्वारा ग़रीब दोस्त की दोस्ती की मिसाल देने से शेख मुबारक अपने आपको गौरवशाली समझते हैं. मशहूर कथावाचक और सनातन धर्म का पुरजोर समर्थन करने वाले बागेश्वर धाम के महाराज का भी एक ऐसा मुस्लिम दोस्त हो सकता है, जिसका गुणगान खुद व्यास गद्दी से महाराज करते हों, यह अद्भुत और अनूठा. इस दोस्ती को लोग भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती से जोड़कर देखने लगे हैं.

Tags: Chhatarpur news, Hinduism, Mp news



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