बीना: सूरज ढलते ही छा जाता है अंधेरा, यहां वाहन चालकों को लगता है डर

बीना: सूरज ढलते ही छा जाता है अंधेरा, यहां वाहन चालकों को लगता है डर


रिपोर्ट- हेमंत अहिरवार

बीना. मध्यप्रदेश का एक और जिला बनने की राह पर चल रहा बीना शहर अभी भी कई समस्याओं से घिरा हुआ है. बीना, भारतीय रेल का महत्वपूर्ण स्टेशन है. यहां रेलवे द्वारासमय-समय पर काम भी कराए जाते रहे हैं, ताकि स्थानीय लोगों को परेशानी से निजात मिल सके, लेकिन कई बार रेलवे के स्थानीय प्रबंधन की लापरवाही स्थानीय जनता के लिए समस्या बन जाती है.कुछ ऐसा ही हो रहा है रेलवे अंडर ब्रिज पर जहां घने अंधकार से निकलते लोग रेलवे प्रबंधन को कोसते नजर आते हैं.

सागर रेलवे गेट पर लगने वाले जाम को देखते हुए रेलवे ने बीना-कटनी रेलवे ट्रैक पर अंडर ब्रिज का निर्माणकिया है. करीब तीन माह पहले ब्रिज बनकर तैयार हो चुका है , लेकिन इसमें लाइट नहीं लगाई गई है. रात के वक्त अंडर ब्रिज में अंधेरा होने के कारण दो पहिया वाहन चालक निकलने में डर रहे हैं. इसकी जानकारी होने के बाद भी रेलवे ने अंडर ब्रिज में लाइट नहीं लगवाई.

अंडर ब्रिज की मदद से रेलवे बायपास को स्टेशन रोड से जोड़ा गया
दरअसल सागर रेलवे गेट पर आए दिन जाम की स्थिति बनती थी. इस समस्या का स्थाई हल निकालने के लिए रेलवे ने अंडर ब्रिज का निर्माण कराया है. इस अंडर ब्रिज की मदद से रेलवे बायपास को स्टेशन रोड से जोड़ा गया है. ब्रिज तैयार होने के बाद रेलवे ने वाहनों की आवाजाही के लिए इसे करीब तीन माह पहले खोल दिया है. ब्रिज चालू करतेसमय अधिकारियों ने इस बाद पर ध्यान नहीं दिया कि रात के वक्त अंडर ब्रिज में अंधेरा रहने से यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. लाइट न होने के कारण रात के वक्त यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

खासतौर से शाम होने के बाद से दो पहिया वाहन चालक अंडर ब्रिज से निकलने में डरते हैं. गेटबंद होने पर बाइक चालक अंडर ब्रिज से नहीं निकलते हैं. पहले की तरह ही वाहन दो पहिया वाहन चालक रेलवे गेट पर पहुंच जाते हैं और इसकेखुलने का इंतजार करते हैं. शहरवासियों का कहना है कि यदि अंडर ब्रिज मेंलाइट लगवा दी जाए तो लोगों को इतना परेशान नहीं होना पड़ेगा.

Tags: Sagar news



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