बालाघाट: जान हथेली पर रख बचाई जहरीले कोबरा की जान, वन्य जीवों को बचाने खतरों से खेलते हैं ये शख्स

बालाघाट: जान हथेली पर रख बचाई जहरीले कोबरा की जान, वन्य जीवों को बचाने खतरों से खेलते हैं ये शख्स


चितरंजन नेरकर/बालाघाट. बालाघाट जिले का बैहर क्षेत्र कान्हा नेशनल पार्क से लगेहोने के साथ सघन वन क्षेत्र है जहां अनेक प्रकार के सांप बहुतसंख्या में दिखाई पड़ते है.जागरूकता की कमी के चलते स्थानीय लोग खुद को बचाने के चलते उन्हें मारने से भी नहीं चूकते हैं. इंसानों द्वारा इस तरह से सांपो को मारने का परिणाम यह हुआ कि अब धीरे धीरे इनकी संख्या कम होती जा रही है. लेकिन कुछ लोगों ने इन्हें बचाने का संकल्प लिया हुआ है, और जैसे ही कहीं सांप निकलने की सूचना मिलती है, ये लोग उन्हें बचाने पहुंच जाते हैं.

वन विभाग के दो वन रक्षकों अख्तर खान और ललित मेश्राम ने इसी क्षेत्र में सांपों को बचाने और लोगों को जागरूक करने का मोर्चा संभालाहुआ है. वे बेजुबान प्राणियों की रक्षा कर उन्हें रहवासी क्षेत्र से रेस्क्यू कर सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़ते हैं. इसी तरह उन्हें सूचना मिली किएक किसान के खेत में बने कुएं में पिछले सात दिनों से लोहे के हुक में कोबरा सांप फंसा हुआ है. सूचना मिलते ही ये ये वन रक्षक सांप को बचाने वहां पहुंचे और अपनी जान जोखिम में डालकरबांस के सहारे कड़ी मशक्कत कर उसे बाहर निकालकरजंगल में छोड़ दिया.

ठंड से हो सकती थी कोबरा की मौत
बैहर तहसील के ग्राम कटंगी में महेंद्र पंचतीलक के खेत के कुएं के अंदर बने लोहे के हुक में लगभग एक सप्ताह से भारतीय नाग जिसे कोबरा भी कहा जाता है वह फंसा हुआ था. ठंड के कारण सात दिन तक असहाय होकर जिंदगी की जद्दोजहद में था. जानकारीलगते ही वनविभाग में पदस्थ अख्तर खान, ललित मेश्रामफॉरेस्ट बीट ऑफिसर के साथ ही वन्यजीव प्रेमी संजीत बघेल खेत पहुंचे जहां उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर असहाय जीव को बचा लिया.

सांपों को मारें नहीं, वन विभाग को सूचना दें
दोनों वन रक्षकों ने ग्रामीणों को जागरूक करते हुए कहा कि बेजुबान सांप आपके घरों तक या रहवासी क्षेत्र में वह अपना भोजन तलाशने पहुंचते, इन्हें मारे नहीं उनकी रक्षा करें. अगर आपको रहवासी क्षेत्र में दिखाई दें तो आप वन विभाग को संपर्क करें. उन्होने कहा किहम तो बेजुबान जीवो को बचाने का कार्य करते है.. आपको बता दे की सांप की प्रजाति ठंडे खून वाली होती है. ज्यादा ठंड एवं ज्यादा गर्मी से ये मर भी सकते हैं.

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FIRST PUBLISHED : January 02, 2023, 17:49 IST



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