फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर बने गुरुजी, 77 शिक्षकों की गई नौकरी, जानें कहां का है मामला

फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर बने गुरुजी, 77 शिक्षकों की गई नौकरी, जानें कहां का है मामला


नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के मुरैना जिलो में फर्जी प्रमााणपत्र लगाकर नौकरी पाने का मामला सामने आया है. यह मामला संविदा शिक्षक वर्ग-3 की भर्ती में फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र लगाने का है. इस मामले में 77 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. बुधवार को मुरैना के जिला शिक्षा अधिकारी एके पाठक की शिकायत पर मंगलवार की देर रात इन शिक्षकों के खिलाफ सिटी कोतवाली में धोखधड़ी और फर्जी दस्तावेज लगाने के लिए एफआईआर दर्ज की गई है. इन सभी की सेवा समाप्त कर दी गई है.

पाठक ने मीडिया को बताया कि मध्य प्रदेश में संविदा शिक्षक वर्ग-3 की भर्ती परीक्षा में दिव्यांगों के लिए आरक्षित 750 पदों में से 450 पर मुरैना के दिव्यांगों की भर्ती होने का मामला सामने आया. उनके अनुसार इसके बाद कुछ निशक्त जनों ने लोक शिक्षण संचालनालय में फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र द्वारा शिक्षक बनने की शिकायत की थी.

77 लोगों के खिलाफ एफआईआर 

पाठक ने कहा कि लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव के निर्देश पर मुरैना जिलाधिकारी अंकित अस्थाना द्वारा कराई गई जांच में 77 प्रमाण पत्र फर्जी निकले थे, जिनकी सेवा समाप्त करने के आदेश जारी हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र से नौकरी हासिल की, ऐसे 77 लोगों के खिलाफ बुधवार को मुरैना सिटी कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज करवा दी गई है.

मामले की की जा रही जांच

फर्जी प्रमाणपत्र के जरिए नौकरी पाने के मामले में मुरैना सिटी कोतवाली थाने के प्रभारी योगेंद्र जादौन ने कहा कि शिक्षक नौकरी में फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र लगाने वाले 77 शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज किया गया है और विस्तृत जांच जारी है.

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