देव दीपावली 26 या 27 नवंबर को? ज्योतिषी ने दूर किया कंफ्यूजन, जानें इस दिन दीपदान का शुभ मुहूर्त

देव दीपावली 26 या 27 नवंबर को? ज्योतिषी ने दूर किया कंफ्यूजन, जानें इस दिन दीपदान का शुभ मुहूर्त


दुर्गेश सिंह राजपूत/नर्मदापुरम: हिंदू धर्म में देव दीपावली का विशेष महत्व माना गया है. ये पर्व दिवाली के ठीक 15 दिन बाद मनाया जाता है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, हिंदू पंचांग में प्रतिवर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता काशी की पवित्र नगरी में आते हैं एवं दिवाली का पर्व मनाते हैं. इसी के कारण इस दिन वाराणसी के हर एक घाट को दीपों से सजाया जाता है. साथ ही इस दिन दीपदान करने का भी विशेष महत्व है.

इसलिए मनाई जाती है देव दीपावली
पं. अविनाश मिश्रा ने बताया कि देव दीपावली का पर्व पूरे देशभर के अलावा काशी में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार, त्रिपुरासुर नामक राक्षस ने काफी आतंक मचा रखा था. इसके कारण देवी-देवता के साथ ऋषि-मुनि काफी परेशान थे. उस राक्षस के अत्याचारों से परेशान होकर सभी देवी-देवता भगवान भोलेनाथ की शरण में पहुंचे एवं उनसे विनती की. इसके बाद भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था. भगवान शिव की जीत की खुशी में देवी-देवताओं ने वाराणसी में खूब दीपक जलाए थे. तभी से हर साल इस दिन देव दीपावली का पर्व मनाया जाने लगा. देव दीपावली उत्सव को त्रिपुरा उत्सव या त्रिपुरारी पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है.

26 नवंबर को देव दीपावली
पं. अविनाश मिश्रा के अनुसार पंचांग में इस साल कार्तिक पूर्णिमा 26 नवंबर को दोपहर 3:53 मिनट से शुरू हो रही है, जो 27 नवंबर को दोपहर 2:46 मिनट तक मानी गई है. ऐसे में इस साल देव दीपावली 26 नवंबर को मनाई जाएगी.

प्रदोष काल में करें दीपदान
देव दीपावली वाले दिन प्रदोष काल में दीपदान करना शुभ माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, 26 नवंबर को प्रदोष काल शाम को 5:08 मिनट से 7:47 मिनट तक रहेगा. देव दीपावली के दिन दीपदान का विशेष महत्व है. इस दिन गंगा एवं नर्मदा में स्नान करने के साथ घाट के किनारे 5, 7, 11 या अपनी स्वेच्छा अनुसार दीपक अवश्य जलाएं.

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