दिग्विजय सिंह के गढ़ राघोगढ़ में बीजेपी को झटका, 2 पार्षद प्रत्याशी कांग्रेस में शामिल

दिग्विजय सिंह के गढ़ राघोगढ़ में बीजेपी को झटका, 2 पार्षद प्रत्याशी कांग्रेस में शामिल


गुना. राघोगढ़ नगर पालिका चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है. आज बीजेपी को कांग्रेस ने एक बड़ा झटका दिया है. भाजपा से दो पार्षद प्रत्याशियों ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है. शबाना मंसूरी और बुधराम बुनकर दोनों कांग्रेस में शामिल हो गए. जो कहीं ना कहीं बीजेपी के लिए एक बड़ी परेशानी का सबब बन सकती है. राघोगढ़ से कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा यह तो ट्रेलर है फिल्म अभी बाकी है.

राघोगढ़ में होने वाले नगर पालिका चुनाव के लिए बीजेपी हो या कांग्रेस सभी अपनी जोर आजमाइश में लगी हुई हैं. यहां 20 जनवरी को चुनाव होंगे. इसमें राघोगढ़ नगर पालिका क्षेत्र के लोग नगर सरकार के लिए अपना मतदान करेंगे. 23 जनवरी को चुनाव की मतगणना एवं परिणाम सामने आएंगे. लेकिन कहीं ना कहीं चुनाव से पहले बीजेपी के लिए यह सबसे बड़ा झटका होगा जो इन दोनों पार्षद शबाना मंसूरी और बुधराम बुनकर ने बीजेपी को दिया है.

दिग्विजय सिंह का गढ़ और घर
राघोगढ़ नगर पालिका आज से 30 साल पहले अपने अस्तित्व में आई थी. इसके बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रहे और कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह यहां से नगर पालिका का पहला चुनाव लड़े और राघोगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष बने थे. अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत दिग्विजय सिंह ने राघोगढ़ नगर पालिका से ही की थी. तब से लेकर आज तक यहां पर दिग्विजय सिंह का ही कब्जा है. उन्हीं के चहेतों ने नगर पालिका अध्यक्ष पद पर कब्जा किया है. बीजेपी हमेशा ही यहां से शिकस्त खाती आई है.

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बीजेपी को अब तक न मिली जीत
बीते चुनाव की बात करें तो 5 साल पहले भी राघोगढ़ नगर पालिका चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथों में ली थी. लेकिन कुल 3 सीटों के साथ बीजेपी को संतुष्ट होना पड़ा था. इस बार भी बीजेपी की आपसी फूट देखने मिल रही है. यही वजह है कि बीजेपी के दो पार्षदों ने राघोगढ़ से कांग्रेस विधायक और दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह के साथ कांग्रेस का हाथ थाम लिया. अब देखने वाली बात यह होगी कि बीजेपी इस अभेद किले में अपनी सेंध लगा पाती है या फिर दिग्विजय सिंह और राघोगढ़ राज परिवार का दबदबा इसी तरह बरकरार रहता है.

जयवर्धन के हाथ में कमान
फिलहाल तो बीजेपी और कांग्रेस अपने अपने तरीके से मंथन में जुटी हुई है किस तरह से एक दूजे को शिकस्त दी जाए और अपने प्रत्याशियों को जीत की विजय श्री प्राप्त करा दी जाए. हालांकि राघोगढ़ से कांग्रेस विधायक खुद इस पूरे चुनाव की कमान अपने हाथ में लिए हुए हैं. चाहें वह पार्षदों के नाम चयन कमेटी की बात हो या फिर पार्षदों के नाम फाइनल करना हों. सभी तरह के काम खुद जयवर्धन सिंह अपने हाथ में लिए हुए हैं. इन सब की बागडोर अंदरूनी तरीके से दिग्विजय सिंह ने खुद अपने हाथों में ले रखी है. जो अपने पुत्र को राजनीतिक दांव पेंच पर्दे के पीछे से बता रहे हैं.

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