दमोह में भी है त्रिवेणी संगम, यहां देवताओं ने एक रात में किया शिव मंदिर का निर्माण! जानें मान्यता

दमोह में भी है त्रिवेणी संगम, यहां देवताओं ने एक रात में किया शिव मंदिर का निर्माण! जानें मान्यता


रिपोर्ट: अर्पित बड़कुल

दमोह: जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर प्राचीन सिद्ध तीर्थ में मड़कोलेश्वर धाम स्थित है. यहां भोलेनाथ का विशाल शिवलिंग स्थापित है. प्रयागराज की तरह इस सिद्ध धाम पर 3 नदियों का संगम होने के कारण इस स्थान को त्रिवेणी संगम भी कहते हैं. यहां पर जूड़ी, सुनार और कोपरा नदी का संगम होता है, जिस वजह से इसे त्रिवेणी संगम कहते हैं.

जैसे प्रयागराज में श्रद्धालु अपने पूर्वजों की अस्थियां विसर्जित करने देश विदेश से संगम पहुंचते हैं. उसी तरह से मड़कोलेश्वर धाम के त्रिवेणी संगम में भी लोग अपने पूर्वजों की अस्थियां विसर्जित करने भारी संख्या में आते हैं. मड़कोलेश्वर मंदिर की महिमा भी अपरंपार है. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण स्वयं देवताओं ने एक रात में किया था.

मंदिर को लेकर ये है मान्यता
महादेव के श्रद्धालुओं का मानना है कि मंदिर के ऊपर आज तक कलश स्थापित नहीं हो सका है. किवदंती के अनुसार, जब देवताओं के द्वारा मड़कोलेश्वर शिवालय का रात्रि में निर्माण किया जा रहा था तब लगभग मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका था, केवल मंदिर के ऊपर कलश की स्थापना होना ही शेष था. इस बीच किसी श्रद्धालु की आहट मिलने से देवता मंदिर के शिखर पर कलश स्थापित नहीं कर पाए, जो आज भी अधूरा है. मंदिर को चारों ओर से देखने पर न तो कारीगरों की नक्काशी है और ना ही पत्थरों का जोड़ नजर आता है. जिसे देखकर यही प्रतीत होता है कि यह मंदिर चमत्कारी एवं देवताओं के द्वारा निर्मित किया गया हो.

मकर संक्रांति, शिवरात्रि पर मेला
मड़कोलेश्वर मंदिर के पुजारी रोहित बलेरिया ने बताया कि इस सिद्ध शिवालय में भगवान शंकर विराजमान हैं और मंदिर को देवताओं के द्वारा बनाया गया था. यहां पर मकर संक्रांति और शिवरात्रि पर भव्य मेला लगता है. जिसमें हजारों की संख्या में भक्त दूर-दूर से यहां आते हैं. भोलेनाथ सब की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.

Tags: Damoh News, Mp news, Prayagraj Sangam



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