ग्वालियर म्यूजियम में है दुर्लभ साजो-सामान का ख़जाना, उल्कापिंड बना आकर्षण का केंद्र

ग्वालियर म्यूजियम में है दुर्लभ साजो-सामान का ख़जाना, उल्कापिंड बना आकर्षण का केंद्र


विजय राठौड़

ग्वालियर. क्या आप जानना चाहेंगे कि आसमान में दिखने वाले तारे असली में कैसे दिखते हैं. साथ ही महारानी लक्ष्मीबाई युद्ध के मैदान में किन हथियारों से लड़ती थीं. अगर आप भी इन सभी चीजों से रूबरू होना चाहते हैं तो आपको मध्य प्रदेश के ग्वालियर के नगर निगम संग्रहालय में आना होगा. यहां कई ऐसी दुर्लभ चीजें देखने को मिलेंगी जिनके विषय में कभी आपने सोचा नहीं होगा. ग्वालियर नगर निगम संग्रहालय की कहानी बड़ी दिलचस्प है.

बताया जाता है कि यह ऐसा संग्रहालय है जिसका नाम तीन बार बदला जा चुका है. वर्ष 1902 में जब यह संग्रहालय बना था तो यह स्टेट म्यूजियम के नाम से जाना जाता था. बाद में वर्ष 1922 में इसको नगर निगम के सुपुर्द कर दिया गया, तब इसे विचित्रालय के नाम से जाना जाने लगा. फिर सन 1980 में इसका नाम संग्रहालय रखा गया. इसके बाद यहां कुछ ऐसी दुर्लभ वस्तुओं को रखा गया, जिनके बारे में आमजन के लिए सोच पाना बड़ी बात है.

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मध्य प्रदेश

यहां मौजूद है आसमान से गिरा नक्षत्र तारा का टुकड़ा

ग्वालियर नगर निगम संग्रहालय में सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र है नक्षत्र तारा का टुकड़ा. इसको उल्कापिंड भी कहते हैं. यह 30 मार्च, 1943 को भिंड जिला के गरोली गांव के पास तेज आवाज व वेग के साथ गिरा था. यह जमीन के अंदर ढाई फीट तक नीचे चला गया था. इसको बाद में निकाला गया था.

इन हथियारों से लड़ती थीं महारानी लक्ष्मीबाई

इसके अलावा, इस म्यूजियम में रानी लक्ष्मीबाई के हथियार जिन्हें वो लड़ाई के दौरान प्रयोग करती थी, यहां मौजूद हैं. इसमें उनकी तलवार, कृपाण, कटार, भाला, ढाल सहित अन्य हथियार मौजूद हैं. इतना ही नहीं, स्टेट टाइम के हथियार जिनमें छोटी तोप, लंबी नलीदार बंदूकें, लकड़ी के तीर आदि सहित लगभग सैकड़ों हथियारों को भी यहां देखा जा सकता है.

खाने में जहर का पता लगा लेता है यह बर्तन

वहीं, नगर निगम संग्रहालय में एक ऐसा बर्तन मौजूद है जिसमें खाना डालते ही पता लग जाता है कि यह खाना जहरीला तो नहीं. संग्रहालय का देखरेख करने वाले डॉक्टर प्रवेश शर्मा ने बताया कि इस बर्तन में खाना डालते ही यदि उसमें जहर है तो बर्तन अपना कलर चेंज कर देता है. इसके अलावा, यहां पर स्टेट टाइम के सिक्के, सिंहासन हस्तलिखित महाभारत सहित अन्य पुस्तकें भी मौजूद हैं जो कि लोगों को आकर्षित करती हैं.

Tags: Gwalior news, Jhansi Rani sword in Gwalior Museum, Mp news, Museum Storage



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