इल्ली की दस्तक से फसलों पर मंडराया खतरा! किसान ऐसे कर सकते हैं बचाव
रिपोर्ट: मोहित राठौर
शाजापुर. मौसम बदलते ही उसका असर फसलों पर देखा जा रहा है. जिले में लहलहाती फसलों पर अब मौसम के बदलाव के साथ कीट बीमारियों का प्रकोप भी होने लगा है. क्षेत्र में चना फसल पर इल्लियों की दस्तक दिखाई दी है. कृषि विज्ञान केंद्र के अनुसार अभी शुरूआती अवस्था है. किसान अपने खेतों की निगरानी करें,यदि इल्लियों की उपस्थिति नजर आए तो कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर इनकी रोकथाम करें. इन पर बहुत ही आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है. जिले में इस बार ढाई लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसलों की बुवाई की गई है. सिंचाई के लिए पानी की पर्याप्त उपलब्धता तथा अनुकूल मौसम के चलते इस बार रबी फसलों की सेहत भी ठीक है. किसान कुएं-बावड़ी,नदी-तालाब, नहर आदि जलस्रोतों से सिंचाई कर रहे हैं.
कृषि वैज्ञानिक डा. मुकेश सिंह बताते हैं कि किसानों को चाहिए कि वे चना फसल पर नजर रखें. ये इल्लियां पत्तियों को नुकसान पहुंचा रही हैं. एक इल्ली 300 से 400 अंडे दे सकती है. जब चना फसल फूल वाली अवस्था में आएगी तब इल्लियां इन्हें भी नुकसान पहुंचा सकती हैं. इसके चलते उत्पादन में गिरावट आने की आशंका रहती है. इसलिए इल्लियों पर अभी से ही नियंत्रण करें. किसानों को चाहिए कि शुरुआती अवस्था में वे पहले जैविक तरीकों को अपनाएं. उन्होंने बताया कि खेतों में यदि इल्लियां दिखें तो खेतों में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर टी आकार की खूंटियां गाड़ दें. इन खूंटियों पर चिड़ियां सहित अन्य पक्षी बैठकर इल्लियों का शिकार कर सकेंगे. इससे काफी हद तक इल्लियों पर नियंत्रण हो सकता है. इसके अलावा दूसरा उपाय करीब 15 से 20 फीट की एक रस्सी लेकर दो किसान उसे पकड़कर पौधों पर फेरें.रस्सी के टकराने से पौधे हिलेंगे और इल्लियां जमीन पर गिर जाएंगी. इससे भी इल्लियों पर काफी तक नियंत्रण हो सकेगा.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक अन्य उपाय फेरोमेन ट्रैप प्रति हेक्टेयर छह-सात लगाएं.इसकी गंध से आकर्षित होकर नर कीट आएंगे और इसमें फंस जाएंगे जिसके चलते इल्लियों की अगली पीढ़ी तैयार नहीं हो पाएगी.साथ ही उन्होंने कहा कि एनपीवी वायरस ढाई सौ एमएम मात्रा को प्रति हेक्टेयर 600 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें तो यह भी लाभकारी होगा. डॉ सिंह बताते हैं कि यदि प्रकोप बहुत ज्यादा दिख रहा हो तो किसान रासायनिक उपाय भी कर सकते हैं, जिसमें प्रोफेनोफास प्लस साइपरमैथरीन 44 फीसदी की 1 लीटर मात्रा 600 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव कर सकते हैं. इससे भी इल्लियों के नियंत्रण में मदद मिलेगी.
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FIRST PUBLISHED : December 30, 2022, 16:01 IST
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