आम आदमी अंधेरे में वीआईपी उजाले में, सालों से अंधेरे में डूबा है राजगढ़ की यह कॉलोनियां

आम आदमी अंधेरे में वीआईपी उजाले में, सालों से अंधेरे में डूबा है राजगढ़ की यह कॉलोनियां


रिपोर्ट- शुभम जायसवाल

राजगढ़. शहर में स्ट्रीट लाइटों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. एक-एक कर शहर कई प्रमुख हिस्सों की लाइटें बंद होने लगी हैं. इसकी शिकायतें संबंधित वार्डों और मोहल्लों से आ रही हैं लेकिन उनका निदान नहीं हो रहा है. कई ऐसे मोहल्ले हैं जहां पर करीब महीने भर से रात्रि के समय सडक़ों पर अंधेरा छाया हुआ है. इसके लिए स्थानीय लोगों से शिकायतें आती रही हैं. इस कारण कई महीनों से इस तरह की समस्या बनी हुई है. जहां पर भी स्ट्रीट लाइटें खराब हो रही हैं उनकी मरम्मत में लंबा समय लग रहा है. मोहल्लों में अंधेरे की वजह से आपराधिक घटनाएं भी बढऩे लगी हैं.

बाराद्वारी कॉलोनी, संकट मोचन कॉलोनी, काला खेत, राजपूत कॉलोनी, जैसी कॉलोनियां अंधेरे में डूबी हुई है. जिसका कारण यह है की यह कोई वीआईपी लोग नही रहते अगर वीआईपी लोग यह रहते तो जरूर स्ट्रीट लाइट चालू रहती.

वीआईपी लोगों के घर के बाहर चालू है स्ट्रीट लाइटें
नेताओ और अधिकारियों और वीआईपी लोगो के घर के बाहर तो स्ट्रीट लाइटें चालू है। पर मोहल्ले में रह रहे लोगों के घर के बाहर की लाइट बंद पड़ी है अगर वर्तमान में देखा जाए तो राजगढ़ में वीआईपी कल्चर चलन जारी है अब देखना यह होगा की आखिर कब तक यह वीआईपी कल्चर चलाता रहेगा या जिम्मेदार जनप्रतिनिधि अधिकारी इस ओर ध्यान देंगे.

मोहल्ले में रहने वाले सतीश का कहना है कि यहां पर ना तो कोई खंभे हैं और ना ही कोई स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था है हम लोगों को यहां पर तकरीबन रहते रहते 20 से 25 साल हो चुके हैं. इसके बाद भी यहां अभी तक स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है. बाराद्वारी में रहने वाली महिलाएं बताती हे की शाम ढलने के बाद वह घर से बाहर निकलने में डरती है क्योंकि कॉलोनी में चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा रहता है। तकरीबन 20 सालो से महिलाएं स्ट्रीट लाइट लगने का इंतजार कर रही है. वही नगर पालिका अध्यक्ष का कहना है की सभी कॉलोनियों में स्ट्रीट लाइट जल्द लगवाई जाएगी.

Tags: Rajgarh



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