अलविदा शरद यादव! आंखमऊ गांव में हुआ था जन्‍म, इंजीनियरिंग में मिला था गोल्‍ड मेडल; राजनीति में भी किया कमाल

अलविदा शरद यादव! आंखमऊ गांव में हुआ था जन्‍म, इंजीनियरिंग में मिला था गोल्‍ड मेडल; राजनीति में भी किया कमाल


भोपाल. देश के दिग्गज नेताओं में शुमार और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का 12 जनवरी को निधन हो गया. वे 7 बार लोकसभा और 4 बार के राज्यसभा सदस्य रहे. बिहार भले ही शरद यादव का राजनीतिक घर रहा हो, लेकिन मध्य प्रदेश से उनका गहरा पारिवारिक और सामाजिक रिश्ता था. दरअसल, उनका जन्म ही मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम (होशंगाबाद) जिले में एक किसान परिवार में हुआ था. वे जिले के छोटे से गांव आंखमऊ गांव में पैदा हुए थे.

1 जुलाई 1947 को जन्मे यादव ने इस छोटे से गांव से निकलकर देश की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई. बता दें, शरद यादव को राजनीति में उस वक्त दिलचस्पी हुई, जब वे साल 1971 में जबलपुर इंजीनियरिंग पढ़ने आए. उन्होंने यहां चुनाव लड़ा और छात्र संघ के अध्यक्ष बने. इसके बाद राजनीति ही उनका करियर बन गई. उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडलिस्ट थे यादव
केवल राजनीति ही नहीं, वे पढ़ाई में भी जबरदस्त थे. उन्होंने बीई (सिविल) में गोल्ड मेडल जीता था. उन्होंने राम मनोहर लोहिया को अपना आदर्श माना था. वे उनके विचारों से प्रभावित थे. इसी वजह से वे कई बार लोहिया के आंदोलन में हिस्सा भी लिया करते थे. राजनीतिक जीवन में वे कई बार मिसा (MISA)के तहत जेल गए. मंडल कमीशन की सिफारिसों को लागू करने में शरद यादव का बहुत बड़ा हाथ है.

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